ये कैसी लीला रचाई भोले बाबा ।मेरी समझ मे ना आई भोले बाबा ।

भोले से पुछ रही पार्वती रानी ।मेला देखन को हम जाए स्वामी।नारी का मेला है नर कहा जाए।तुमको कहा ले जाए भोले बाबा।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

मेला देखन को तैयार हुए बाबा ।नर से नारी बने भोले बाबा ।गौरा करे श्रृंगार भोले बाबा ।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

माथे पे बिन्दियाँ नैनो मे कजरा ।होठो पे लाली लगाई भोले बाबा ।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

बाहों मे बाजुबंद हाथों मे चुड़ियां।हथेली पे मंहेदी लगाई भोले बाबा ।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

पैरो मे पायल उंगली मे बिछुए ।ऐडी मे महावर लगाई भोले बाबा।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

घूम-घूम हरा लहंगा पहना।रेशम वाली साड़ी पहनी।काली चुनरियाँ ओढे भोले बाबा ।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

गंगा को रख लिया जुड़े के अन्दर ।सर्पों को रख लिया झोली के अन्दर।डम-डम डमरू बजाए भोले बाबा।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

आगे -आगे गौरा चलत है ।पीछे-पीछे भोले बाबा।चले मधुरिया चाल भोले बाबा ।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

गौरा से पुछ रही गौरा की सखियाँ।घुंघट वाली कौन भोले बाबा।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

मेला देखन मेरे मायके से आई ।हमरी लगे भौजाई भोले बाबा।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

घुंघट उठा जब देखन लागी ।नर से नारी बने भोले बाबा।

ये कैसी 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।


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