सारी सखियां पीहर जा सै मै भी पीहर जाऊंगी।

पीहर मतना जाईये रै गौरा तेरी बुद्धि बिगड़ जागी।

हम पतिव्रता नारी हो भोला म्हारी बुद्धि ना बिगडै़।

इतना जिकर सुना हे भोले नै भोले नै बाणा बदल लिया।

हीरा रै मोती रत्न जड़ाई जुती रै बेचैन चाल पड़ा।

हिमाचल की गलियां मै जाके भोले नै रुक्का मार दिया।

जुती लेलो कोए जुती लेलो जुती नहीं रै कोए चाला सै।

पाचं सात वै इकट्ठी होके जुती लेवन चाल पड़ी।

इन जुतिया का मोल बता दे ये जुती मेरै मन बसगी।

तीन कदम मेरै गैलया चालो जुतिया का मोल बता दु दुंगा।

तीन कदम गौरा गैल हो लई भोले नै बाणा बदल लिया।

थम पतिव्रता नारी रै गौरा थारी बुद्धि बदल गई।

इतना जिकर सुनो रै गौरा नै झट दे बाणा बदल लिया।

सुन्दर सुथरी बनी गुजरी दहियो बेचन चाल पड़ी।

जाके पहाड़ पै रुक्का मारा दूधो लेलो कोए दहियो लेलो

माखन ललो सही-सही।

दूधो लेलो कोए दहियो लेलो माखन लेलो सही-सही।

इतना जिकर सुना भोले नै अपने पास बुलाए लई।

दूधो दे दे गुजरी दहियो दे दे माखन दे दे सही-सही।

एकबार भोला खव्वा पै बैठा ले माखन दे दू सही-सही।

जब भोले नै खव्वा पै बैठा लई गौरा नै बाणा बदल लिया।

थम तो हो भोला जती सती था थारी हो बुद्धि बदल गई।

दोनवा कि गलती माफ हो गौरा चलो पहाड़ पै चालांगा।

चलो पहाड़ पै चालांगा रै आपा राजी-राजी रह लांगा।


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