रै ककरेजी साफो बांध बीर झिलसे मै जाइये रै।

रै उठे आर्या करै परचार बीर मेरा सुन के आइये रै।

रै परसा मै मुढो घाल बीर मेरा बाच सुनाइये रै।

रै तेरा बुढा माइ रै बाप बीर उनकी सेवा करिए रै।

रै तेरा सै छोटो तेरो बीर वैनै बीए पढाइये रै।

रै तेरी बीस बरस कि बाहन बाहन आर्या कै ब्याईहे रै।

रै मेरी भावज कै हो नन्दलाल बीर मैनै वेद बुलाइये रै।

रै वैका गल मै नौ लड़ हार बीर मैनै हार दिवाइये रै।

हे जीजी साचम साच बताए ज्ञान तु कित सै लाई हे।

रै बीरा जन्म दियो माँ बाप ज्ञान ह्रदय मै आयो रै।

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