ग्यारस मैया ने लिया है गऊ का रूप,
परीक्षा ले रही दुनिया की…..
पहली परीक्षा लैनगई वो गई पंडित के पास।
गौमाता खड़ी है तेरे द्वार, गो ग्रास इन्हें दे देना।
अंदर से वो पंडित बोला सुन गौ मां मेरी बात।,
मेरे भोजन नहीं है तैयार गो ग्रास किसी और के करो।
बाहर से गौ माता बोली सुन पंडित मेरी बात।
पोथी पत्रा रहेंगे तेरे हाथ तू घर-घर मांगता फिरे।
ग्यारस मैया 💐💐💐💐💐💐💐💐।
दूजी परीक्षा लेने गई वो गई ठाकुर के पास।
गौमाता खड़ी है तेरे द्वार भोजन तो पानी दे देना।
बाहर आकर ठाकुर बोला लेकर लटिया हाथ।
मेरे भोजन नहीं तैयार दरवाजे किसी और के चलो।
बाहर से गौ माता बोली सुन ठाकुर मेरी बात।
तेरे हाथ रहेंगे हथियार नरक तेरे द्वार पर रहे।
ग्यारस मैया 💐💐💐💐💐💐💐💐।
तीजी परीक्षा लेने गई वो गई बनिए के पास।
गौमाता खड़ी है तेरे द्वार सेवा तो इनकी कर देना।
अंदर से वह बनिया बोला सुन गऊ मां मेरी बात।
मेरे छप्पन भोग तैयार भोजन तो भरपेट करो।
मैया सेवा करूं दिन रात आशीष मैया दे देना।
बाहर से गौ माता बोली सुन बनिए मेरी बात।
तेरे भरे रहे भंडार लक्ष्मी का घर में वास रहे।
ग्यारस मैया 💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
जो ग्यारस को तुलसी पूजे उसका फल मिल जाए।
सच्चे मन से ग्यारस गावे और सत्संग को जाए।
जो ग्यारस का व्रत करें और द्वादश को करें दान।
वाको जन्म सफल हो जाए बैकुंठ द्वार खुले मिले।
ग्यारस मैया💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
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