सारा कुनबा राजी हो रहा नई भोड़िया आवैगी 

ताता पानी की भरै बाल्टी रगड़ मसल के नुहावगी।

बडली जिठानी मेरी ताना मारै इतनी क्यूँ गरबा री सै

सारी टुम बहू कै चढा दई तैने रोटी कौन देगा।

दोनो बेटा ब्याह के ना हे मै गंगा जी मै नहा लुंगी

भीतर इनका बाहर मेरा बैठी रोटी खालु लुंगी।

बडला बेटा इतना मीठा जनु गन्ने मे रस टपकै

छोटा बेटा इसा चांदना जनु बिजली का बल्ब चैशै।

दोनों बेटा न्यारा होगा माँ कि किसीने ना बुजी

भीतर बड़कै रोवन लागी इब मैंने कौन देगा रोटी।

बडला बेटा न्युठ बोल्या मेरे कैन्यी आ माता 

हाथा के मै खुरपा ले ले घास खोद के ल्या माता।

छोटा बेटा न्युठ बोल्या मेरे कैन्यी आ माता 

बासी कुस्सी रोटी खाले नहीं मामा कै जा माता।

बार बार समझाउ हो बुढा बात मेरी मानया कोन्या

कोए किसे का बेटा कोन्या पुत पड़ोसी हो बेटा।

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