या रिमझिम करती भिलनी कठिनै चाली रै।

शंकर बैठे कैलाश मै वठिनै चाली रै।

या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐💐।

शंकर भोले जमा के गोले बैठे थे प्रभु ध्यान मे।रिमझिम-रिमझिम

झांझर की झनकार पड़ी जब कान मै।रुप देख रह गये दंग

 सुध-बुध खो डाली रै।

या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐💐।

बोले शंकर सुनो भिलनी बैठो पास हमारे जी।इस तन-मन कीबनो मालिक तुम बन गए दास तुम्हारे जी।तीन लोक की आज बना दूँ तुझको रानी रै।

या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐💐।

बोली भिलनी सुनो सदाशिव भवँर भील म्हारा घर मै।तैनै मार के मैनै ले जावै हसीं होवगी घर-घर मै।थे बैठे प्रभु ध्यान लगावो दे-दे 

ताली रै।या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐।

ज्ञान ध्यान सब गया भूल भीलनी मत डरै तु मन मै।जटा बीच मै तैनै छुपालु मालूम पड़ोसी ही किसने।और बात मत डरै भीलनी करुंगा रुखाली रै।

या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

घर मै थारै गवँर पार्वती जटा मै गंगा रहवे।अपनो हक वो छोड महादेव मैने क्यू रहने देवेगी।अही बात री होवे लड़ाई नहीं विचारी रै।या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

पार्वती ने पीहर भेज दा सुनो भीलनी रानी जी।गंगा थारी करे चाकरी तु घर की धनयानी जी।और जो शंका होवे जो मन मै देवु मिटाई रै।या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐।

बैल चढ़ू तो डरु महादेव सिंह देखै भय लागे।पैदल तो मै कदे ना चाली साची कहु थारे आगे जी।कहे सदाशिव डरो ना भीलनी बैठो पीठ हमारी जी।

या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

महादेव का वचन यह सुन भीलनी ने माया हटाई।सामने ऊबी हसँ गौरजा शंकर गये सरमाई जी।मौची बन के मैनै छली थी बारी थारी आई जी।

या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

हाथ जोड़कर कहे गौरजा हुयो हिसाब बराबर जी।राम मण्डली कहे फिर शंकर जम गये ध्यान लगाकर जी।सारी संगत हरदम गावे महिमा थारी जी ।

या रिमझिम💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।


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