यशोदा लाल अपने को बजा चुटकी खिलाती है।

कभी गंगा कभी जमना कभी हरिद्वार नहलाती है।

यशोदा लाल💐💐💐💐💐💐।

कभी कुर्ता कभी धोती कभी टोपी पहनाती है।

यशोदा लाल💐💐💐💐💐💐💐।

कभी लड्डू कभी पेड़े कभी माखन खिलाती है।

यशोदा लाल💐💐💐💐💐💐।

कभी गोदी कभी कंधा कभी पलना झुलाती है।

यशोदा लाल💐💐💐💐💐💐।

Categories: Jachcha Geet

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