
सखी री हम होते बृज के मोर।
कंहा पर रहते कंहा पर बसते।
सखी री हम कंहा पर करते किलोर।
सखी री हम होते 💐💐💐💐💐।
मथुरा रहते बृंदावन बसते।
सखी री हम गोकुल करते किलोर ।
सखी री हम होते💐💐💐💐💐।
उड़ उड़ पंख गिरे जमुना में।
सखी री उन्हें बीनत नंद किशोर ।
सखी री हम होते 💐💐💐💐💐।
उन पंखन को मुकुट बनायो।
सखी री उन्हें पहने नंद किशोर।
सखी री उन्हें देखें तीनों लोक।
सखी री उन्हें देखें जग के लोग ।
सखी री हम होते 💐💐💐💐💐।
सखी री हम मथुरा जाते रोज ।
सखी री हम जमुना नहाते रोज।
सखी री हम होते 💐💐💐💐💐।
सखी री हम मंदिर जाते रोज।
सखी री हम पूजा करते रोज ।
सखी री हम गीता सुनते रोज।
सखी री हम होते💐💐💐💐💐।
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