
नौका वाले हमें बैठा ले जाना परली पार अरे हम तीन जणे।
तीन जणे हम तीन जणेराम लखन सिया तीन जणे।
नौका वाले💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
अवधपुरी के रहने वाले दशरथ पुत कहलाते है।राम-राम और लक्ष्मण सीता दण्डक वन को जाते है।मात-पिता ने दिया दसौटा करनी गंगा पार अरे हम तीन जणे।
तीन जणे💐💐💐💐।नौका वाले💐💐💐💐।
इतनी सुन के खेवट बोल्या नाव मेरी क्या खोऊंगा।जादू वाले पैर आपके पहले इनको धोऊंगा।चरण छुने से शिला बन गई एक सुन्दर सी नार अरे हम तीन जणे।
तीन जणे💐💐💐💐।नौका वाले💐💐💐💐।
तीनों को बैठाया नाव मे परली पार उतार दिया।देने लगे उतराई रघु जी खेवट ने इन्कार किया।मैंने परले पार किया प्रभु करना भव से पार अरे हम तीन जणे।
तीन जणे💐💐💐💐।नौका वाले💐💐💐💐।
जन्म-जन्म के पाप कटे हरि दिन निशदिन गाते है।माया अपरम्पार प्रभु की पार नहीं कोई पाया है।हरी गुण गाले
ध्यान लगाले हो जाए बेड़ा पार अरे हम तीन जणे।
तीन जणे💐💐💐💐।नौका वाले💐💐💐💐।
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