ओ बहना सतसंग है अनमोल रंग बरसावैगा

आज नहीं तो काल समझ मै आवैगा।

सतसंग है फूल निराला।

तु इसकी बना ले माला।

तु इस माला नै पहन भगत कहलावैगा

आज नहीं तो काल समझ मै आवैगा।

ओ बहना सतसंग💐💐💐💐💐💐💐।

सतसंग है बागा कि मेवा।

तु इस मेवा नै खाए के आनन्द आवैगा

आज नहीं तो काल समझ मै आवैगा।

ओ बहना सतसंग💐💐💐💐💐💐💐।

सतसंग  गंगा कि धारा।

तु इसमे नहा ले प्यारा।

तु इसमे गोते मार ऊपर आवैगा

आज नहीं तो काल समझ मै आवैगा।

ओ बहना सतसंग💐💐💐💐💐💐💐।

सतसंग है नाव पुरानी।

तु इसमे बैठ ले प्राणी।

तु इसमे बैठ ले प्राणी पार हो जावैगा

आज नहीं तो काल समझ मै आवैगा।

ओ बहना सतसंग💐💐💐💐💐💐💐।

Categories: Ram bhajan

0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *