
राम रंग बरसयो री आज मोरे अंगना में।
प्रेम रंग बरसयो री आज मोरे अंगना में।।
जाग गए सब सोए सपने।
सभी पराए हो गए अपने।
लगे प्रेम की माला जपने।
ओ अंग अंग हरषयो री।।
श्याम रंग💐💐💐💐💐💐।
धरती नाचे अम्बर नाचे।
आज देवता भी है नाचा।
मैं नाची मेरा प्रीतम नाचा।
प्रेम रस बरसयो री।।
राम रंग💐💐💐💐💐।
युग युग से ये नैन बिछाए।
आज सखी पिया घर में आए।
कहाँ बिठाऊँ मोहे समझ न आए।
और कोई घर लियो री।।
राम रंग💐💐💐💐💐।
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