
हुई वर्षा ,अमृत की।
पीलो भगतो, भर भर के।
तर जाओगे, हरी नाम जप के।
डूब जाओगे, अभिमान करके।
जो जीवे, सो पीवे।
जो पीवे, सो जीवे।
गणेश के भवन मे फूलो की वर्षा।
भोले के भवन मे फूलो की वर्षा।
राम के भवन मे फूलो की वर्षा।
माता के भवन मे फूलो की वर्षा।
कृष्ण के भवन मे फूलो की वर्षा।
साई के भवन मे फूलो की वर्षा।
वर्षा हो ऐ रही दरबार वर्षा हो ऐ रही।
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