
पकड़ लो हाथ बनवारी नहीं तो डूब जाएंगे।
हमारा कुछ ना बिगड़ेगा तुम्हारी लाज जाएगी।
पड़ी मझधार मे नैया खिवैया कोई नहीं अपना।
खिवैया आप बन जाओ ।
तो बेड़ा पार हो जाए।
पकड़ लो💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
धरी है पाप कि गठरी हमारे सिर पर भारी।
वजन पापों का है भारी।
इसे कैसे उठाएंगे।
पकड़ लो💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
जो भेजा जहर का प्याला उसे भी पी गई मीरा।
दर्श दासी को दिखलाया।
वो दर्शन हम भी पाएंगे।
पकड़ लो💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
तुम्हारे हि भरोसे पर ये दुनिया छोड बैठे है।
जमाने कि तरफ देखो।
इसे कैसे निभाएंगे।
पकड़ लो💐💐💐💐💐💐💐💐।
करु मै आस दर्शन कि सभी मोहजाल मिट जाए
ये मोहमाया के चक्र से ।
रहू मै दूर बनवारी।
पकड़ लो💐💐💐💐💐💐💐💐।
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