कृष्ण गोविंद गोपाल गाते चलो।

मन को विषियो के विष से हटाते चलो।

दुख मे रोवो मती सुख मे भुलो मती।प्राण जाए मगर नाम भुलो मती।राधे कृष्ण को मन से रिझाते चलो।

कृष्ण गोविंद💐💐💐💐💐💐💐।

काम करते रहो नाम जपते रहो।हरदम उनका हि ध्यान धरते रहो।

याद आएगी उनको कभी ना कभी।दर्श देवेंगे हमको कभी ना कभी।ऐसा विश्वास मन मे जमाते चलो।

कृष्ण गोविंद💐💐💐💐💐💐💐।

कौन कहता है भगवान आते नहीं।द्रौपदी कि तरह तुम बुलाते नहीं।कौन कहता है भगवान खाते नहीं।शबरी कि तरह तुम खिलाते नहीं।कौन कहता है भगवान नाचते नहीं।गोपियों कि तरह तुम नचाते नहीं।कौन कहता है भगवान सोते नहीं।यशोदा कि तरह तुम सुलाते नहीं।

कृष्ण गोविंद💐💐💐💐💐💐💐💐।


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