Ram bhajan
तरेंगे वहीं जिनके मन मे हरी है।
तरेंगे वहीं जिनके मन मे हरी है। मन मे हरी है जी मुख मे हरी है। तरेंगे वही💐💐💐💐💐💐💐। गंगा मे नहाने से क्या पापी तर जाएंगे। मछली क्यु ना तरी जिसका पानी मे ही घर है। तरेंगे वही💐💐💐।मन मे हरी💐💐💐💐। तरेंगे वही💐💐💐💐💐💐💐💐। फूल चढाने से क्या पापी तर जाएंगे। भवराँ Read more…