शिव शंकर भोलेनाथ हो नाथ तेरा डमरू बाजै पर्वत पै।

तोपे फुल चढे और पान चढे।तोपे चढे दूध कि धार हो

धार तेरा डमरु बाजै पर्वत पै।

शिव शंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।

तेरे आक धतूरे का भोग लगै।और चढे रोज कि भांग हो

भांग तेरा डमरु बाजै पर्वत पै।

शिव शंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।

तेरे अंग भभूति लाग रही।और लिपटे नाग हजार 

हजार तेरा डमरु बाजै पर्वत पै।

शिव शंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।

तेरे संग मे गौरा साज रही।गोदी मे गणपत लाल हो

लाल तेरा डमरु बाजै पर्वत पै।

शिव शंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।

तेरे द्वार पे तेरे भगत खड़े।तुम दो दर्शन एकबार 

एकबार तेरा डमरु बाजै पर्वत पै।

शिव शंकर💐💐💐💐💐💐💐💐।


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