
रामचन्द्र की धोली हेली मै दुसर लेके आई।
सास ननद की घनी लाडली मै सांझै
सोवन खंदाई।
खड़ी खड़ी के पैर सुजगे बोलया ना मर्द कसाई।
तेरे तै रै गौरी जब बोलुंगा बुलवादे भावज प्यारी।
दमदम करती हे तलै उतराई मैंने सुती जिठानी जगाई।
जाए जिठानी तेरा देवर बुलावै एक लोटा
दूध मंगावै।
तेरे तै रै देवर जब बोलुंगी मरवादे सौक दौरानी।
खुटी के तै तारी कटारी मेरी जड़ तै नाड़ उतारी।
मोरी मा तै खुन बहैव था उड़ै देखै लोग लुगाई।
मेरी माता नै बेरा पाटया वा डांगर ज्यु अरड़ाई।
मेरे पिता नै बेरा पाटया वो लाया थाना सिपाही।
हाथ जोड़ पाया मै पड़ गया मै लागु तेरा जमाई।
मेरा तो तु साला लागै मेरे बाप का लागै जमाई।
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