
ध्यान लगाकर सुनियो रे मां की महिमा सुनाऊ में
हो मां की कथा सुनाओ मैं-2।
एक समय की बात बताऊँ राजा था एक बड़ा भारी ।
प्रजापति नाम उसका जाने उसने दुनिया सारी ।
दान पुण्य करने की खातिर यज्ञ रचाया बड़ा भारी।
सामग्री मे घी मिलाके कर राखी तैयारी सारी।
इतना घंमड करा हे राजा नै ना बुलवाई मै।
हो माँ की कथा सुनाऊ मै।
ध्यान लगाके💐💐💐💐💐💐💐।
पार्वती न्यु कहने लगी मेरे पिता ने यज्ञ राचाया ।
मैंने उसमे जाना होगा बेशक न्योता कोन्या आया ।
शंकर जी नै बैठ के नै पार्वती को यु समझाया।
तेरे पिता ने गौरा रानी किया है अपमान मेरा।
बिना बुलाए जाइए मतना नहीं होगा सम्मान तेरा।
बेसक यज्ञ मे चाली रै जाइए कोन्या आऊ मै
हो हो माँ की कथा सुनाऊँ मै।
ध्यान लगाके💐💐💐💐💐💐💐💐।
पार्वती चाल पड़ी शंकर की ना मानी बात ।
आगे जाके देखन लागी कालजे मै लागी आग।
सभी देवता आए हुए सबकी फोटो लाए हुए।
ना शंकर जी आए हुए ना शंकर का फोटो लाया।
हो हो पिताजी तेरा यज्ञ रचवाऊ मै।
हवन कुंड में कूद पड़ु और जल मर जाऊं मैं
हो माँ की कथा सुनाऊ में
ध्यान लगाकर सुनो रे मां की महिमा गांव में
हो मां की कथा सुनाऊ में
पार्वती कूद पड़ी मांच गई हाहाकार ।
सभी देवता डर के भागे मन मे लागे करन विचार।
आधी जल गई आधी रह गई शंकर जी को आया ख्याल।
पार्वती हे तु मत घबराइए जल्दी आऊँ मै
हो मां की कथा सुनाऊ में
ध्यान लगाकर💐💐💐💐💐💐💐।
जब शंकर जी चाल पड़े हाथ में त्रिशूल ठाया।
जब शंकर ने मारे तीर अंग हुए कई हजार।
पार्वती हे तु मत घबराइए तैनै आके बचाऊ मै।
हो हो माँ की💐💐💐💐।
ध्यान लगाके💐💐💐💐💐।
जहाँ माता के हाथ पड़े वहाँ अन्नपूर्णा माँ कहलाई।
जहाँ माता के पैर पड़े वहाँ चरणपादुका माँ कहलाई।
जहाँ माता का चित पड़ा वहाँ चिन्तपूर्णी माँ कहलाई।
जहाँ माता के नैन पड़े वहाँ नैना देवी माँ कहलाई।
जहाँ माता की जीभ पड़ी वहाँ काली माई माँ कहलाई।
जहाँ माता का शीश पड़ा वो शेरावाली माँ कहलाई।
चलती बैरिया वो नयु बोली सबसे प्यारी सबसे भोली।
रोना धोना छोड भगता नै मैया जी की जय जय बोली।
जब जब भीड़ पड़ी रै भगतो पे दौड़ी आई मै
हो माँ की 💐💐💐💐💐
ध्यान लगाके💐💐💐💐💐💐💐।
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