Geet
दुसर लेके आई हे छोरियों
दुसर लेके आई हे छोरियों । सास मेरी कै चाव घना था। सांझै सोवन खंदाई ऐ छोरियों। दमदम करती महला चढ गई। पाया ना ननद का भाई ऐ छोरियों। आधी रात शिखर तै ढल गई। जब वो छैला आया हे छोरियों। कांधे ऊपर हरा ऐ तोलिया। तोलिये मै सेर मिठाई Read more…