
तरेंगे वहीं जिनके मन मे हरी है।
मन मे हरी है जी मुख मे हरी है।
तरेंगे वही💐💐💐💐💐💐💐।
गंगा मे नहाने से क्या पापी तर जाएंगे।
मछली क्यु ना तरी जिसका पानी मे ही घर है।
तरेंगे वही💐💐💐।मन मे हरी💐💐💐💐।
तरेंगे वही💐💐💐💐💐💐💐💐।
फूल चढाने से क्या पापी तर जाएंगे।
भवराँ क्यु ना तरा जिसका फूलों मे ही घर है।
तरेंगे वही💐💐💐।मन मे हरी💐💐💐💐।
तरेंगे वही💐💐💐💐💐💐💐💐।
चंदन लगाने से क्या पापी तर जाएंगे।
सापं क्यु ना तरा जिसका चंदन मे ही घर है।
तरेंगे वही💐💐💐।मन मे हरी💐💐💐💐।
तरेंगे वही💐💐💐💐💐💐💐💐।
पूजा कराने से क्या पापी तर जाएंगे।
पंडित क्यु ना तरा जिसका मंदिर मे ही घर है।
तरेंगे वही💐💐💐।मन मे हरी💐💐💐💐।
तरेंगे वही💐💐💐💐💐💐💐💐।
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