सोवै सै नगरिया सारी -2

एक जागै सै हे जागै सै द्रोपद रानी लुक लुक रोवै सै।

हे आधी रात पहर का तड़का-2

हे उतरै महल तै आई हे के सोवै सुख नींद सास तैनै 

क्युकर निद्रा आई।

हे तेरे बेटे नै चाले कर दिए-2

जुआ खेल कै हेरी राज पाट सब.जीता दिया उनै पासे फैक के।

हे राज पाट सब जीता दिया-2

जीतवा दिए चारों भाई हे जीतवा दई द्रोपद रानी

शुकनी नै चाल चलाई।

हे मेरे पिता नै रचा स्वंयवर-2

शर्त लगाई थी हे जो मछली की आखं बिंद दे

 मै उसके ब्याही थी।

हे बडे बडे योद्धा आए सभा मै-2

बाट देखै थे हे उनका निशाना चूक गया

 मैनै ब्याहना चाहवै थे।

हे ऊपर मछली चक्कर काटै-2

तैले कढाई थी हे तेरे अर्जुन नै आखं बिंद दई

जब मै ब्याही।

हे एक सौ एक गऊ और घोड़े-2

दान गिनाया था हे हीरे का तिरपाल ओढ के

हाथी आया था।

हे तेरी जीभ पै काल बैठ गया-2

जब मै आई थी हे तेरे कहे तै तेरे बेटा

नै मै बाट खाई थी।


0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *