
कुएँ ऊपर चक्कर काटै।
खोल बाहन तेरा भाई बोलै।
अहे तेरा कह रहा कृष्ण बीर चाल घर रोवै मतना।
सास ननद तेरी बोली मारै।
अहे तेरै कौन भरैगा भात चाल घर रोवै मतना।
तेरी हे ननद नै घड़ा ऊठा दे।
तु आरता का थाल सजा ले।
अहे तेरा कह रहा कृष्ण बीर चाल घर रोवै मतना।
सुसर तेरा हे साहुकार घनो सै।
बाप तेरो हे कंगाल घनो सै।
अहे उकी मै काढु मकरोड़ बाहन घबराइये मतना।
नरसी भगत मेरो पुरानो यार सै।
अहे मै उसका राखु मान बाहन घबराइये मतना।
नरसी भगत का गाडा आया।
मोडा का हे वो ठाडा भर लाया।
अहे यो कृष्ण आयो गढवाल बाहन घबराइये मतना।
साल नहीं हे हमनै पोल बताई।
अहे म्हारी घाली गतवाड़े मै खाट बाहन घबराइये मतना।
जब वो कृष्ण आयो पाटे पै।
अहे वा देखन आई संसार बाहन घबराइये मतना।
लम्बो सो हे तु खरड़ बिछाइये।
देवर जेठ तेरा सारा बुलवाइये।
अहे तेरो उत राखुंगो मान बाहन घबराइये मतना।
अपनी बाहन की लाऊ चुनंदड़ी।
अहे तेरी सासु को दखनी चीर बाहन घबराइये मतना।
जब वो कृष्ण बरसनै लागो।
सवा पहर बरसी मोहर अशरफी।
अहे वा ठाडी भरी परात बाहन घबराइये मतना।
सवा पहर बरसा शाल दुशाला।
ओढो हे दौरानी जिठानी।
अहे तेरो कह रहो कृष्ण बीर बाहन घबराइये मतना।
देवर जेठ का लाऊ दुशाला।
अहे तेरी दौरानी जिठानिया का शाल बाहन घबराइये मतना।
रात कहवागी प्रभात मिलुंगो।
अहे राखुंगो बाहन को मान बाहन घबराइये मतना।
नरसी भगत मेरो पुरानो यार सै।
अहे मै उसको भी राखु मान बाहन घबराइये मतना।
दौरानी जिठानी मेरी न्युठ बोली।
कौन कहवै अके भाई कोन्या।
अहे यको गहरो भर दियो भात बाहन घबराइये मतना।
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