
नाचे-नाचे हे बजंरगी हनुमान डमरू तो बाजे शिवजी का।
डम-डम-डम- डम डमरु बाजे बाबा खेल दिखावै।
मन मे भर के देखो हे यो कला कसुती खावै।
बाजे-बाजे हे सुरिली तान डमरु तो का बाजे शिवजी का।
नाचे-नाचे💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
मात कौशल्या न्यु बोली हो बाबा ध्यान लगाइये।
इस वानर नै अड़े तै ले जा और किते खेल दिखाइये।
हो मेरे बालक सै नादान डमरु तो बाजै शिवजी का।
नाचे-नाचे💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
हो दशरथ जी के चारों बेटें खेल देख रहे न्यारा
रामचन्द्र कहे यो वानर लुंगा लागे सै घना प्यारा।
हो उनकी माता हुई हैरान डमरु तो बाजे शिवजी का ।
नाचे-नाचे💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
रामचन्द्र ने खुद हाथों मे ली बन्दर की डोरी।
और हरी नचावे हनुमत नाचे जय-जय जय-जय होरी।
हो ये तो कह रहे सुकुमार डमरु तो बाजे शिवजी का।
नाचे-नाचे💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
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