
मैंने जब से गुरु का नाम लिया ।
अभिमान तो मैंने छोड दिया।
अभिमान था मुझको बेटे का।
मेरा बेटा कितना सुन्दर है।
एक दिन को प्रदेश को जाएगा।
मैंने यही समझ के छोड दिया।
मैंने जब💐💐💐।अभिमान💐💐💐।
अभिमान था मुझको बेटी का।
मेरी बेटी कितनी प्यारी है।
एक दिन ससुराल को जाएगी।
मैंने यही समझ के छोड दिया।
मैने जब💐💐💐।अभिमान💐💐💐।
अभिमान था मुझको काया का।
मेरी काया कितनी सुन्दर है।
एक दिन माटी मे मिल जाएगी।
मैंने यही समझ के छोड दिया।
मैंने जब💐💐💐।अभिमान💐💐💐।
अभिमान था मुझको दौलत का।
मुझे दौलत कितनी प्यारी है।
एक दिन या साथ ना जाएगी।
मैंने यही समझ कर छोड दिया।
मैंने जब💐💐💐।अभिमान💐💐💐।
अभिमान था मुझको महलों का।
मेरा महल कितना सुन्दर है।
एक दिन तो सबको जाना है।
मैंने यही समझ के छोड दिया।
मैंने जब💐💐💐।अभिमान💐💐💐।
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