
सेठानी चाले हो गए रै रै गंगा पै नाहन गया था।
गंगा पै रै एक पंडित आया।
नरसी भिक्षा दे दे रै रै मै बडी दूर तै आया ।
सेठानी चाले💐💐💐💐💐💐।
भिक्षा मै के दे दू रै भाई।
धोरै ना मेरै आना पाई।
रै पंडित घर पै आइए रै रै तैने वहाँ मिलगी भिक्षा।
सेठानी चाले💐💐💐💐💐💐💐।
मै नाहु रै मेरी गैलया नाहवै।
मै चालू रै मेरी गैलया चालै।
हो गया कसुता चाला रै गंगा पै नाहन गया था।
मन मन मै नरसी राजी हो रहा।
पंडित नै घर पावै कोन्या।
रै मैनै पता बताया कोन्या।
रै आछा पिछा छोड गया रै रै गंगा पै नाहन गया था।
गंगा नाह के घरनै आया।
वोहे पंडित आगे पाया।
नरसी माया दे दे रै रै गंगा पै ओट के आया।
सेठानी चाले💐💐💐💐💐💐💐।
मैला सा रै मेरा भेष बना दो
धोली सी रै मैनै चादर ऊढा दो।
रै कह दो नरसी मर गया रै रै गंगा पै नाहन गया था।
सेठानी चाले💐💐💐💐💐💐💐।
धोला सा रै एक कपड़ा उढा दो।
कोरा घड़ियां नहाने नै मंगा दो।
चंदन का रै एक पेड कटा लो।
शमशाना मै चिता चिना दो।
मै जांगा दाग दिवा के रै रै मै घनी दूर तै आया।
सेठानी चाले💐💐💐💐💐💐।
पंडित अपना देश बता दे।
अपना असली रुप दिखा दे।
तू कौन कड़े तै आया रै रै गंगा पै नाहन गया था।
जब कृष्ण नै रुप दिखाया।
नरसी हो गई आनन्द काया।
इब तेरै साथ चलुंगा रै रै मै बहुत घना सुख पाया।
नरसी के मन मै संका भारी।
हरनन्दी कै रै भाई कोन्या।
कौन उकै भात भरैगा रै रै गंगा पै नाहन गया था।
हरनन्दी का भाई बनुंगा।
सिरसागढ मै भात भरुंगा।
रै कर दु अमर कहानी रै रै गंगा पै नाहन गया था।
सेठानी चाले💐💐💐💐💐💐।
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