
भाई रै तीन लोक के नाथ बैठ लिया अर्जुन के रथ मै।
हाथ पकड़ अर्जुन को बैठाया।गीता का उपदेश सुनाया।
भाई रै बिना बिगुल बजाए बैठ लिया अर्जुन के रथ मे।
भाई रै💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
साठँ गाठँ का अर्थ बनाया।अर्थ बना के आई मोहमाया।
भाई रै खुद बन गया रथवान बैठ लिया अर्जुन के रथ मे।
भाई रै💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
जब कान्हा नै शंख बजाया ।अर्जुन के अंग-अंग मे समाया।
भाई रै हो रही जय-जयकार बैठ लिया अर्जुन के रथ मे।
भाई रै💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
सभी देव रथ ऊपर आऐ।हनुमान बुरजी पर आऐ।
भाई रै शेषनाग फुकारं बैठ लिया अर्जुन के रथ मे।
भाई रै💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
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