
यदि त्रेता में राम न होते।। दवापर घनश्याम न होते।।
यदि चारो धाम न होते तो जग कल्याण ना होता,हमारा कल्याण ना होता।
यदि सिया राम का वन दमन न होता,
तो दशरथ जी का ये मरण न होता,
सीया चुराई न जाती लंका जाती न जलाई,
तो रावण मरण न होता तो जग कल्याण न होता,हमारा कल्याण ना होता।
यदि त्रेता💐💐💐।दवापर💐💐💐।
यदि चारों💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
यदि राम के संग में हनुमान न होते ,
तो राम लखन के प्राणों को खोते,
कौन संजीवणी लाता कौन बूटी पिलाता,
तो लक्ष्मण मरण हो जाता तो जग कल्याण ना होता,हमारा कल्याण ना होता।
यदि त्रेता💐💐💐।दवापर💐💐💐।
यदि चारों💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
यदि अर्जुन के संग कृष्ण ना होते,
तो नर दुर्योधन हारे न होते,
ये राज नहीं जाता सरताज नहीं जाता,
महाभारत युद्ध रुक जाता तो जग कल्याण ना होता ,हमारा कल्याण ना होता।
यदि त्रेता💐💐💐।दवापर💐💐💐।
यदि चारों💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
यदि सम्भु जटा मे गंगा ना समाती।
असुरों को तारने पृथ्वी पे ना आती ।
ना होते राम सीता ना होती रामायण गीता।
तो हरि भजन रुक जाता तो जग कल्याण होता ,हमारा कल्याण होता।
यदि त्रेता💐💐💐।दवापर💐💐💐।
यदि चारों💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
यदि भक्तो के संग भगवान ना होते,
तो सारी उम्र के अरमान ना होते,
अरमान नही होता सम्मान नही होता,
यदि गुरु का ज्ञान ना होता, तो जग कल्याण ना होता,हमारा कल्याण ना होता।
यदि त्रेता💐💐💐।दवापर💐💐💐।
यदि चारों💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
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