श्री राम से कह देना इक बात अकेले में।

रोता है भरत भाइयाँ दिन रात अकेले में।

श्री राम से 💐💐💐💐💐💐💐💐।

वन वासी गये वन में फिर भी तो यही मन में।

रट ता हु राम रटना दिन रात अकेले में।

श्री राम से💐💐💐💐💐💐💐💐।

रो रो के बिताये है कई साल अयोध्या में।

आँखों से बहे आंसू दिन रात अकेले में।

श्री राम से💐💐💐💐💐💐💐💐।

इस राज की ममता में भाई से बिछोग किया।

इस शता की ममता में भाई से विछोभ किया।

ये भेद किया माँ ने और भाई सौतेले ने।

श्री राम से 💐💐💐💐💐💐💐💐।

है लक्षमण बड़बाग़ी मरता प्रभु चरणों में।

मुझे मौत नहीं आती दुनिया के अँधेरे में।

श्री राम से 💐💐💐💐💐💐💐💐।

Categories: Ram bhajan

0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *