श्री राम नै बाग लगाया।

हे श्री कृष्ण कर गयो बाड़ भगती का बाग हरा सै।

सच्चा दिल तै सीचीए हे प्यारी।

मेवा लागै न्यारी न्यारी।

हे अकै फल लागै बेशुमार भगती का बाग हरा सै।

क्याकी हे धरती क्याका हे अम्बर।

हे यो क्याको सै संसार भगती का बाग हरा सै।

सत की धरती धर्म का अम्बर।

हे यो मतलब का संसार भगती का बाग हरा सै।

किसकी बाहन रै किसका बीर सै।

हे ये किसका सै माँ बाप भगती का बाग हरा सै।

लेने की बहना देने का भाई।

हे ये दुख सुख मै माँ बाप भगती का बाग हरा सै।

क्याकी लाव या क्याका चीड़स सै।

हे या क्याको सै जल नीर भगती का बाग हरा सै।

सन की लाव रै खाल को चीड़स सै।

हे यो कुआं को जल नीर भगती का बाग हरा सै।

Categories: Ram bhajan

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