सावित्री आज बाग मै जाइए दो फूल तोड़ के लाइए।
राजा जी मै तो पैदल कोन्या जाउँ मंगवादे मोटर कार।
सावित्री नौ भाइयों कि बेबे कदे देखी ना मोटर कार।
बाहन मैनै दस कि चिठ्ठी गेरी ढाई का गेरा तार।
बाहन दिन निकाला पिली पाटी दरवाजे अड़ा दई कार।
सावित्री जल्दी साड़ी बांधो थम लीला पहरो बिलोज।
सावित्री न्यु तो बता के जाइए हम कब आवा तैनै लेन।
राजा जी लेने का नाम मत लिये मेरा भाईया का मारा मान।
सावित्री झट दे कार मै बैठी वैका खड़ा लखावै भरतार।
साला हो मैनै न्यु तो बता के जाइए हम कब आवा लनिहार।
जीजा हो लेने का नाम मत लिए नहीं हो जागी तकरार।
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