
सवेरे शाम जाया करती हे मै तो
गुरु जी का दर्शन पाऊँ।
गंगाजल की भरी ऐ बाल्टी।
सब्र मेरै जब आवै हे मै तो
गुरु जी नै रगड़ नुहाऊ।
सवेरे शाम💐💐💐💐💐💐💐।
घिस घिस चंदन भरी ऐ कटोरी।
सब्र मेरै जब आवै हे मै तो
गुरु जी कै तिलक लगाऊ।
सवेरे शाम💐💐💐💐💐💐💐।
पाट पिताम्बर टसरी की धोती।
सब्र मेरै जब आवै हे मै तो
गुरु जी नै कपड़ा पहराऊ।
सवेरे शाम💐💐💐💐💐💐💐।
मोती चूर मगज के लडडु।
सब्र मेरै जब आवै हे मै तो
गुरु जी नै न्योत जिमाऊ।
सवेरे शाम💐💐💐💐💐💐💐।
फूलों की सेज मोती झालर का तकिया।
सब्र मेरै जब आवै हे मै तो
गुरु जी का चरण दबाऊ।
सवेरे शाम💐💐💐💐💐💐💐।
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