रोटी लेके गई हे खेत मै ।
जीजो सै मेरो हाली मरी हो जीजा तेरी शर्म कि मारी।
कित धरु रोटी कित धरु झारी।
कित धरु छाए कि झवारी मरी हो जीजा तेरी शर्म कि मारी।
धर दे रोटी पटक दे झारी।
तो बलदा बीच पछाड़ी मरी हो जीजा तेरी शर्म कि मारी।
रोवती सुबकती घरनै आई।
तो आके बाहन सिखाई मरी हो जीजा तेरी शर्म कि मारी।
हलिया छोड के जीजो घर आयो।
मेरी बाहन कै क्यु मारी मरी हो जीजा तेरी शर्म कि मारी।
तेरी हे बाहन कि पाटी हे घघरिया।
तो दिख रही राम प्यारी मरी हो जीजा तेरी शर्म कि मारी।
तेरा हे खसम को पाटो हे लंगोटो।
तो दिख रहो गिरधारी मरी हो जीजा तेरी शर्म कि मारी।
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