
रै लागया तीर पड़ा धरती मै छुटि हाथ तै झारी
रै के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रै इच्छा थी मेरे मात पिता कि तीर्थ कराने लाया था।
प्यासे थे मेरे मात पिता मै पानी लेने खंदाया था।
के तेरा मैनै माल चुरा लिया ले लई जान हमारी
ओ के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रै लागया तीर पड़ा धरती मै छुटि हाथ तै झारी
रै के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रैअंधे थे मेरे मात पिता तैनै उनकी किस्मत फौड़ी रै।
जिसके सहारै चालया करता वा लाठी तैनै तोड़ी रै।
काची कली मरोड़ी रै तैनै दया कतई ना आई
रै के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रै लागया तीर पड़ा धरती मै छुटि हाथ तै झारी
रै के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रै एक कहा मेरा कर दे ओ मामा यो एक प्रण पुगाइये रै।
प्यासे सै मेरे मात पिता उनै जाके नीर पिलाइये हो।
बोल के मतना सुनाइये ओ मामा रोवैगी महतारी
ओ के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रै लागया तीर पड़ा धरती मै छुटि हाथ तै झारी
रै के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रै भरा कमण्डल सरवर का उनै आगे कदम बढाया रै।
बिना बोल्या धरती मै टेक दिया बोल के नहीं सुनाया रै।
के बेटा तैनै नींद सतावै के तैनै विपदा भारी
ओ के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रै लागया तीर पड़ा धरती मै छुटि हाथ तै झारी
रै के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रै श्रवण हो तो बोल पड़ै मै श्रवण कितै तै लयाउ रै।
मेरे हाथ तै श्रवण मर गया कैसे बोल सुनाउ रै
तु भी रै दशरथ न्यूहे मरैगा या रो के कहवै महतारी
रै के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
रै लागया तीर पड़ा धरती मै छुटि हाथ तै झारी
रै के मिल गया तैनै तीर मार के कर दिया जुल्म शिकारी।
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