रै दुख जात बीर की सुख सपने मै कोन्या।

सुख सपने मै मिलता कोन्या ऐसी बीर की जात हो सै।

चार बजे तै पहला उठु सारा धन्धा करना हो सै।

सेर दो सेर पीस कै फेर पैसेर पक्का पोना हो सै।

हांडी और बरोली धो के फेर पथवारे मै जाना हो सै।

फेर गोसा की हेल लैके सिर पै बोझ उठाना हो सै।

रै दुख जात💐💐💐💐💐💐💐💐।

सुख सपने मै मिलता कोन्या ऐसी बीर की जात हो सै।

चार मील की सफर करु मै ताती बल जा रेत मै।

मण पक्का मै बोझ ले रही बालक मेरा पेट मै।

फेर भी हाली छो मै आवै तेरा बखत कब हो गया रै।

रै दुख जात💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

सुख सपने मै मिलता कोन्या ऐसी बीर की जात हो सै।

अगड़ पड़ोसन ताने मारै लेन जाऊ आचं मै।

पावा के मै टुटे लितर ना टांगा मै घाघरी।

तेरै दोनों हाथा बेबे कमाने की लाग रही।

रै दुख जात💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

Categories: Geet

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