
पह्रलाद जी को लग गई हरि रटना।हरि रटना राम रटना।
पह्रलाद जी💐💐💐💐💐💐💐💐।
जब पह्रलाद जी अग्नि मे डाला।शीतल रुप बनायो अपना।
पह्रलाद जी💐💐💐।हरि रटना💐💐💐।
पह्रलाद जी💐💐💐💐💐💐💐💐।
जब पह्रलाद जी को सर्पों मे डाला। निर्मल रुप बनायो अपना।
पह्रलाद जी💐💐💐। हरि रटना💐💐💐।
पह्रलाद जी💐💐💐💐💐💐💐💐।
जब पह्रलाद जी को नदी बिच डाला।मछली रुप बनायोअपना।
पह्रलाद जी💐💐💐।हरि रटना💐💐💐।
पह्रलाद जी💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
जब पह्रलाद जी को खम्बे बिच डाला।नरसिंह रुप बनायो अपना।
पह्रलाद जी💐💐💐।हरि रटना💐💐💐।
पह्रलाद जी💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐।
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