पति हे मेरा छुट्टी आया पोलया मै बैठी वैकी माय।
माता हे मेरी साच बता दे मेरी कित सै निर्मला नार।
बेटा रै वा तो पीहर गई सै वैकी भावज कै हुयो नन्दलाल।
माता हे मेरी सुट सिमादे हम तड़के जावा सुसराड़।
बेटा रै मेरा तड़के मत जाईये कोए तड़के सै बुधवार।
माता हम तड़के ही जावा मेरी देखै निर्मला बाट।
करणसिंह बागा मै पहुचो बागा मै खड़ी काली नाग।
नाग मैंने डसिए मतना मेरी देखै निर्मला बाट।
छैल मै तो इब ही डसुंगी मैंने हुकम दियो भगवान।
निर्मला चुड़ी पहरै मडेंर बोलो काग।
काग मैंने न्यु तो बता दे मेरो कब आवै भरतार।
निर्मला तु पागल होरी तेरी फुट गई तकदीर।
मनिहारा मेरा हाथ छोड दे मेरो रुस गयो भगवान।
0 Comments