
ओम शांति हरी के गुण गाया हे करो।
जहाँ शांति नहीं रै उड़ै राम भी नहीं।
चाहे नित उठ ताल बजाया हे करो।
ओम शांति💐💐💐💐💐💐।
जहाँ शांति नहीं रै उड़ै धन भी नहीं।
चाहे दिन और रात कमाया हे करै।
ओम शांति💐💐💐💐💐💐💐।
जहाँ शांति नहीं रै लागै दान भी नहीं।
चाहे भर-भर थाल बटाया हे करो।
ओम शांति💐💐💐💐💐💐💐।
जहाँ शांति नहीं रै उडै सतसंग भी नहीं।
चाहे मार पलोथी गुण गाया हे करो।
ओम शांति💐💐💐💐💐💐💐।
जहाँ शांति नहीं उड़ै ज्ञान भी नहीं।
चाहे वेद रै शाश्त्र पढ़ा हे करो।
ओम शांति💐💐💐💐💐💐💐।
जहाँ शांति नहीं रै उड़ै प्रेम भी नहीं।
चाहे झुठे रै ढ़ोंग रचाया हे करो ।
ओम शांति💐💐💐💐💐💐💐।
जहाँ शांति रहवै रै उड़ै मै भी रहू।
चाहे नित उठ हरी का गुण गाया हे करो।
ओम शांति💐💐💐💐💐💐💐💐।
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