
खुश होके घर मै आइयो म्हारे पितरों महाराज।
आज अमावस थारी आई।
बखत उठ के खीर बनाई।
खुश होके भोग लगाइयो म्हारे पितरों महाराज।
खुश होके घर💐💐💐💐💐💐💐💐।
थारी हो पितरों बाग और बाड़ी।
सब कुछ थारा हो तुम घरबारी।
जब चाहो मिलन नै आइयो म्हारे पितरों महाराज।
खुश होके घर💐💐💐💐💐💐💐💐।
कुल के रक्षक तुम ही कहावो।
अड़ी भीड़ मै आगे आओ।
इस कुल की बेल बढाइयो म्हारे पितरों महाराज।
खुश होके घर💐💐💐💐💐💐💐💐।
भुल चुक की हो माफी देना।
जो रह गया वो मांग भी लेना।
अपने थान मकान पै जाइयो म्हारे पितरों महाराज।
खुश होके घर💐💐💐💐💐💐💐💐।
हाथ जोड़ सब शीश झुकावै।
मांगेराम पितरों को मनावे।
सुख शान्ति देके जाइयो म्हारे पितरों महाराज।
खुश होके घर💐💐💐💐💐💐💐💐।
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