काटे की बड़बेरी नै मेरा सिर की चुन्नी तार दई।

एक परदेशी छोरे नै मै दे धरती मै मार दई।

के सुसरा तु धन का लोभी के टोटे नै घेर लिया

एक लाल तेरा धर्मपाल तैनै वो भी फौज मै भेज दिया।

ना बहुड़ मै धन का लोभी ना टोटे नै घेर लिया

एक लाल मेरै धर्मपाल मैनै वोहे कमावन भेज दिया।

के रै करैगी धर्मपाल का टैरीकोट सीमा दुंगा

तेरे ओढन की खातिर काली चुन्नी रोहतक तै मंगवा दुंगा।

आग लगाऊ तेरी टैरीकोट कै चुन्नी नै के फुकुंगी

जो ना आया धर्मपाल मै खड़ी महल मै सुकुंगी।

जै मेरा बालम घर ना आजा खड़ी महल मै सुकुंगी।

सिर सुन्ना श्रृंगार बिना मेरी छाती सुनी हार बिना

बिना ड्राइवर गाडी सुनी मै सुनी भरतार बिना।

काली वायल मै ढाई सौ सितारा जा रोहतक मै ओढैगी।

सुखे धान मै पानी आजा सुखे धान हरे होजा

जो मेरा बालम छुट्टी आजा खोटे दाम खरे होजा।

आज रात मैनै सपना आया मेरी बहु रै मैनै छोडैगी

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