कैसी करी नादानी खोय दई जिंदगानी।

गुरु कि शरण कभी नहीं आए।

अपने मन कि ठानी खोय दई जिंदगानी।

कैसी करी💐💐💐💐💐💐।

कथा भागवत कभी ना भाती।

खोय पाठ के ज्ञानी खोय दई जिंदगानी।

कैसी करी💐💐💐💐💐💐।

माया के चक्कर मे प्यारे।

हो गई बडी है हानि खोय दई जिंदगानी।

कैसी करी💐💐💐💐💐💐।

शर्मा जी कि शरण आए।

अपने गुरु कि शरण आए।

सुधर जाए जिंदगानी खोय दई जिंदगानी।

कैसी करी💐💐💐💐💐💐।


0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *