
जिसकी जीव्हा पे नाम नहीं राम का
वो तो आदमी नहीं रै किसी काम का।
उठ सवेरे घर घर हांडै।
कुत्ता रै सारे गाँव का वो तो
आदमी नहीं रै किसी काम का।
जिसकी जिव्हा💐💐💐💐💐💐💐।
उठ सवेरे करै रै लड़ाई।
धोड़ा बिना लगाम का वो तो
आदमी नहीं रै किसी काम का।
जिसकी जिव्हा💐💐💐💐💐💐💐।
घाल खटोला सोई री बगड़ मै।
खाली खोखा रोटी खान का वो तो
आदमी नहीं रै किसी काम का।
जिसकी जिव्हा💐💐💐💐💐💐💐।
माँ बापा तै रै दगा करैगा।
बिन आई रै वो मौत मरैगा।
कीड़ा रै बनैगा किसी जोहड़ का वो तो
आदमी नहीं रै किसी काम का।
जिसकी जिव्हा💐💐💐💐💐💐💐।
कहत कबीर सुनो भाई साधो।
थम ले लो ना नाम भगवान का वो तो
आदमी बनै रै सब काम का।
जिसकी जिव्हा💐💐💐💐💐💐💐।
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