जिस घर मे वास हो पितरों का उस घर

की बात निराली है।

उस घर की बात निराली है-2।

उस घर मे बाधा ना आए जहां करते

 ये रखवाली है।

जिस घर मे💐💐💐💐💐💐💐💐।

सब देवों से पहले घर के देवों की पूजा होती है।

जिस घर मे इनका मान रहे उस घर

की सिद्धि होती है।

उस कुल के पेड का हर पत्ता और महक

रही हर डाली है।

उस घर मे बाधा 💐💐।जिस घर मे वास💐💐।

घर के देवों की महिमा को घरवाले ही

पहचान रहे।

जो भूल चुके है पितरों को उनको इनका

क्या ज्ञान रहे।

उस घर के प्राणी सुख पाते जिस की डोर 

इन्होंने सम्भाली है।

उस घर मे बाधा 💐💐।जिस घर मे वास💐💐।

पितरों का वास है पहण्डे मे नित दीपक

वहाँ जलाया करो।

कहता है भगत जल से भर के नित झारी

वहां चढाया करो।

घर रुपी बाग बगीचे के पितर ही सच्चे

माली है।

उस घर मे बाधा 💐💐।जिस घर मे वास💐💐।


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