जिठानी दिल की प्यारी हे जेठ बदमाश।

जिठानी नीचे सोवै हे जेठ असमान।

मरड़ दे मोचा मड़का हे सरड़ दे खुल गई आखं।

सरड़ दे बैठी हो लई हे पोचा तै पकड़ा हाथ।

छज्जा सै नीचे गेरा हे पड़ते का टुटा हाथ।

गोडा की पाली टुटी हे चोपा के टुटे दातं।

मेरो सुसरो गाली दे रहो हे म्हारा घर को कर दियो नाश।

मैनै दस की चिठ्ठी गेरी हे ढाई को गेरो तार।

पति जल्दी छुट्टी आईये हो तेरी हूर सख्त बेमार।

मेरो राजा छुट्टी आयो हे पोला मै बैठो बाप।

भाई ऊत घरा की आई रै म्हारा घर को कर दियो नाश।

मैनै पतला मांडा पोया हे आलू को रान्धो साग।

मेरो राजा जीमन आयो हे गंडासो लायो साथ।

पिया पिछै हाथ लगाइये हो पहले सुनले मेरी बात।

जिठानी दिल तै प्यारी हो जेठ बदमाश।

जिठानी नीचे सोवै हो जेठ असमान।

मरड़ दे मोचा मड़का हो सरड़ दे खुल गई आखं।

सरड़ दे बैठी हो लई हे पोचे सै पकड़ा हाथ।

छज्जा सै नीचे गेरा हो पड़ते का टुटा हाथ।

गोडा की पाली उतरी हो चोपा के चारो दातं।

शाबाश मेरी गौरी रै तैनै ईब ले चालु साथ।

Categories: Geet

0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published. Required fields are marked *