जपते चलो जपते चलो श्री राम जी की

 माला जपते चलो।

ये महिमा अहिल्या ने गाई।

पत्थर से नारी बनाई ।

उसको भव से पार लगाया हरी का 

नाम जपते चलो।

जपते चलो💐💐💐💐💐💐।

ये महिमा सबरी ने गाई।

झुठे बेर की टोकरी लाई।

प्रभु रुच रुच भोग लगाया हरी का 

नाम जपते चलो।

जपते चलो💐💐💐💐💐💐।

ये महिमा हनुमत ने गाई।

छवि हृदय प्रभु की बसाई।

उसने सीना फाड़ दिखाया हरी का 

नाम जपते चलो।

जपते चलो💐💐💐💐💐💐।

ये महिमा विभिषण ने गाई।

लंका मे कुटिया बचाई।

लंका का राज है पाया हरी का 

नाम जपते चलो।

जपते चलो💐💐💐💐💐💐।

ये महिमा भरत ने गाई।

भाई की प्रीत निभाई।

उसको प्रभु ने सीने से लगाया हरी का 

नाम जपते चलो।

जपते चलो💐💐💐💐💐💐।

ये तुलसीदास की लिखाई।

सब ऋषियों के मन भाई।

चरणों मे शीश झुकाया हरी का 

नाम जपते चलो।

जपते चलो💐💐💐💐💐💐।

Categories: Ram bhajan

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