
जय सियाराम सियाराम बोल मना
क्यों फिरता डामा डोल मना।
या काया एक तेरी हटड़ी है क्यों बांधै
पाप कि गठरी है।
सदा जग का सौदा तोल मना
क्यों फिरता डामाडोल मना।
जय सियाराम💐💐💐💐💐💐।
तेरी काया मे एक मन्दिर है
इसमे बैठे प्रभु अन्दर है।
अन्दर के पट नै खोल मना क्यों
फिरता डामाडोल मना।
जय सियाराम💐💐💐💐💐💐।
तेरे काया मै एक सीसा है तु
पाचं चोरा नै पकड़ा है।
तु इनसे मुखड़ा मोड़ मना क्यों
फिरता डामाडोल मना।
जय सियाराम💐💐💐💐💐।
क्यों फिरता है चौरासी मै
जय भजन करै अविनाशी का।
तेरा जीवन है अनमोल मना क्यों
फिरता डामाडोल मना।
जय सियाराम💐💐💐💐💐।
तेरी काया मै अलमारी है चाबी
लेके ताला खोल मना।
वहाँ बैठा कृष्ण मुरारी है क्यों
फिरता डामाडोल मना।
जय सियाराम💐💐💐💐💐💐।
0 Comments