जाग सखी उठ जाग हे तेरे सतगुरु आए।

सतगुरु आए तेरे साहिब आए।

जाग सखी💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

बरत करे तैनै पुरनवासी।

क्यातै मरी हे तु तो भुखी हे प्यासी।

अंदर ना लागा बैराग हे तेरे सतगुरु आए।

जाग सखी💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

गंगा जमना तु मलमल नहाई।

तनै चमड़ी की हे करी हे सफाई।

धोया ना दिल का दाग हे तेरे सतगुरु आए।

जाग सखी💐💐💐💐💐💐💐।

दो दिन का हे तेरा दर्शन मेला।

उड जाएगा तेरा हंस अकेला।

उजड़ जागा तेरा बाग हे तेरे सतगुरु आए।

जाग सखी💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

शरण मै चन्द्र जति गोरख बोले।

संग गुरुवा कै तो आनंद हो गए।

(मिलके गुरु जी आनंद लेले।)

मिल जागा अटल सुहाग हे तेरे सतगुरु आए।

जाग सखी💐💐💐💐💐💐💐💐💐।


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