इन्द्र की इन्द्राणी भी चाली तो ब्रह्मा की ब्रह्माणी हो राम।

शिवशंकर की चली हे पार्वती तीनों नाहवन चाली हो राम।

एक बन चाली दो बन चाली तो तीजे बन मै आई हो राम।

माता अनसुइया ने देखी आवती

तो आसन झाड़ बिछाया हो राम।

भूखी हो तो भोजन कर लो तो 

ठंडा पानी पीवो हो राम।

भोजन का हम भूखा कोन्या तो

ठंडा पानी ना पीवा हो राम।

हम आया मैया गंगा नाहने तो

चाहिए गंगा पानी हो राम।

माता अनसुइया ने फेरी है माला

तो बह गई गंगा माई हो राम।

इन्द्र की इन्द्राणी भी नाहवै तो

ब्रह्मा की ब्रह्माणी हो राम।

शिवशंकर की नाहवै पार्वती तीनों नाहके चाली हो राम।

अपना अपना पति हे सिखाया तो

 अनसुइया का सत हर लो हो राम।

इन्द्र भी चाला ब्रह्मा भी चाला तो

 शिवशंकर भी चाला हो राम।

एक बन चाला दो बन चाला तो 

तीजा बन मै आया हो राम।

माता अनसुइया ने देखा आवता तो 

आसन झाड़ बिछाया हो राम।

भूखा हो तो भोजन कर लो ठंडा 

पानी पीवो हो राम।

भोजन का हम भूखा कोन्या तो 

ठंडा पानी ना पीवा हो राम।

नंगी तिरया का दूध पीवैंगे तो 

सत अजमावन आया हो राम।

माता अनसुइया ने फेरी है माला

 तो हो गया छ छ महिना का राम।

दूधा भी पयावै माता गोदी खिलावै

 तो लौरी गाए सुलावै हो राम।

हरा दरखत कै घला हे पालना तो

 तीनवा नै झुला झुलावै हो राम।

इन्द्र की इन्द्राणी भी सोचै तो

 ब्रह्मा की ब्रह्माणी हो राम।

शिवशंकर की सोचै  पार्वती 

पति उलटा ना आया हो राम।

तीनों मिल के चाल पड़ी वो

 पति ढुंढनै नै चाली हो राम।

एक बन आई दो बन आई

 तो तीजा बन मै आई हो राम।

माता अनसुइया ने देखी आवती 

तो आसन झाड़ बिछाया हो राम।

भूखी हो तो भोजन कर लो

 ठंडा पानी पीवो हो राम।

भोजन का हम भूखा कोन्या तो

 ठंडा पानी ना पीवा हो राम।

छ महिना पति गया नै हो लिया

 तो उलटा कोन्या आया हो राम।

हरा दरखत पै घला हे पालना

 तो तीनों झुला झुलै हो राम।

अपना अपना पति हे पिछानो

 तो अपना अपना उठा लो हो राम।

इन्द्र की इन्द्राणी भी देख तो 

ब्रह्मा ब्रह्माणी हो राम।

शिवशंकर की देख पार्वती

 पति हे समझ मै ना आया हो राम।

हाथ जोड़ पैरा मै पड़ गई तो 

तुम ही पहचान बताओ हो राम।

माता अनसुइया ने फेरी है माला

 तो हो गया पहले जैसा हो राम।

हाथ जोड़ पैरा मै पड़ गया तो

 तुम हो माता सत की हो राम।

जो अनसुइया नै ग्यारस नै गावै 

तो सीधा स्वर्ग मै जावै हो राम।

जो अनसुइया नै मावस नै गावै 

तो मनचाहा फल पावै हो राम।

बुढिया गावै स्वर्ग मै जावै तो 

तरणी पुत्र खिलावै हो राम।

कुवांरी गावै घर वर पावै 

हम गावैअपना श्याम लडावां।

Categories: Ram bhajan

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