हो भोले ये दुनिया मतलब की बिना मतलब अपना कोई नहीं।

जब भीड़ पड़ी थी मीरा मे।

मीरा का साथी कोई नहीं।

हो प्याले पे आ गए बनवारी बिना मतलब अपना कोई नहीं।

हो भोले ये💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

जब भीड़ पड़ी थी द्रोपद मे।

द्रोपद का साथी कोई नहीं।

हो साड़ी पे आ गए बनवारी बिना मतलब अपना कोई नहीं।

हो भोले ये💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

जब भीड़ पड़ी थी नरसी पे।

नरसी का साथी कोई नहीं।

हो पटड़े पे आ गए बनवारी बिना मतलब अपना कोई नहीं।

हो भोले ये💐💐💐💐💐💐💐💐💐।

जब भीड़ पड़ी थी पह्रलाद पे।

पह्रलाद का साथी कोई नहीं।

हो खम्भे मे आ गए बनवारी बिना मतलब अपना कोई नहीं।

हो भोले ये💐💐💐💐💐💐💐💐।

जब भीड़ पड़ी थी भगतों पे।

भगतों का साथी कोई नहीं।

हो किर्तन मे आ गए बनवारी बिना मतलब अपना कोई नहीं।

हो भोले ये💐💐💐💐💐💐💐💐💐।


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