
हे राम तेरी माया मेरी समझ ना आई है।
बडी सोच समझ करके तुने दुनिया बनाई है।
नदियों का जल मीठा सागर का खारा है।
इन बेरंग फूलों पर खिलती फुलवारी है।
कही बांध बनाया है कही गहरी खाई है।
हे राम तेरी💐💐।बडी सोच समझ💐💐।
कभी ठंडी हवा चले कभी बरसा पानी है।
कही तपती धरती है कही बर्फ बरसती है।
आकाश मे तारों की कैसी चमक निराली है।
हे राम तेरी💐💐।बडी सोच समझ💐💐।
तु कहा पे रहता है कहा तेरा ठिकाना है।
भगवान तेरी शक्ति को दुनिया ने माना है।
कही नजर नहीं आता कण कण मे समाया है।
हे राम तेरी💐💐।बडी सोच समझ💐💐।
हर प्राणी मे भगवन तेरी ज्योति समाई है।
तु ही सबको देता प्रभु खाना पानी है।
तुने कैसे भगवान ये सृष्टि रचाई है।
हे राम तेरी💐💐।बडी सोच समझ💐💐।
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