गडरिया तु म्हारे घर आइये मेरा नौकर गया भरतार।

गडरिया तो सांझै हे आ गया मेरा सारा पड़ा सै काम।

गडरिया तो कासन मांजै मेरी झाड़ बिछावै खाट।

गडरिया तो सांझै सो गया मेरै छाती पै हाथ।

रात के बारह बज गए मेरा छुट्टी आया भरतार।

जाट कि रै इब बचवादे मेरी इब जावैगी जान।

गडरिये के मरने ना दुंगी तेरे पै खपा दु जान।

गडरिये का भाजनै लागा पाछे तै मारी तलवार।

गौरी मेरे हाथ धुवादे धुवादे मेरी तलवार।

पिया हो के गादड़ मारे के मारे बणा के शेर।

गौरी रै ना गादड़ मारे ना मारे बणा के शेर।

गौरी रै हमनै वोहे मार जो लागै तेरा यार।

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